Sandeep NangiaThe Numbers in Sanskrit from 1 to 10^17एकं दशशतं चैव सहस्रमयुतं तथा। लक्षं च नियुतं चैव कोटिरर्बुदमेव च॥ वृन्दं खर्वो निखर्वश्च शङ्खपद्मौ च सागरः। अन्त्यं मध्यं परार्धं च…Aug 11, 20221Aug 11, 20221
Sandeep Nangiaश्वयुवमघोनामतद्धितेकाचं मणिं काञ्चनमेकसूत्रे ग्रथ्नासि बाले किमिदं विचित्रम् ।Apr 30, 2022Apr 30, 2022
Sandeep Nangiaযে কেবল দেখে, ঈশ্বরই বস্তু আর সব অবস্তু, সেই চতুরশ্রীরামকৃষ্ণ (সহাস্যে) — নানা শাস্ত্র জানলে কি হবে। ভবনদী পার হতে জানাই দরকার। ঈশ্বরই বস্তু আর সব অবস্তু।Apr 20, 2021Apr 20, 2021
Sandeep Nangiaउपदेशामृतम्वाचो वेगं मनसः क्रोधवेगं जिह्वावेगमुदरोपस्थवेगम् । एतान्वेगान्यो विषहेत धीरः सर्वामपीमां पृथिवीं स शिष्यात् ॥ १ ॥Mar 16, 2021Mar 16, 2021
Sandeep Nangiaपरव्यसनिनी नारी व्यग्रापि ग्रहकर्मणि। तदेवास्वादयत्यन्तः परसङ्गरसायनम् ॥ अन्वयः - पर-व्यसनिनी…Mar 16, 20211Mar 16, 20211
Sandeep NangiaThe Last and Greatest LessonIt is a tremendous error to feel helpless. Do not seek help from anyone. We are our own help. If we cannot help ourselves, there is none to…Mar 4, 2020Mar 4, 2020
Sandeep Nangiaसीता राम सीता राम सीताराम कहियेसीता राम सीता राम सीताराम कहिये, जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये | मुख में हो राम नाम राम सेवा हाथ में, तू अकेला नाहिं प्यारे राम तेरे…Nov 2, 20191Nov 2, 20191
Sandeep Nangiaय इच्छति हरिं स्मर्तुं व्यापारान्तगतैरपि। समुद्रे शान्तकल्लोले स्नातुमिच्छति दुर्मतिः॥Sep 13, 2018Sep 13, 2018
Sandeep Nangiaਗੁਰ ਸਤਿਗੁਰ ਕਾ ਜੋ ਸਿਖੁ ਅਖਾਏਗੁਰ ਸਤਿਗੁਰ ਕਾ ਜੋ ਸਿਖੁ ਅਖਾਏ ਸੁ ਭਲਕੇ ਉਠਿ ਹਰਿ ਨਾਮੁ ਧਿਆਵੈ ॥ ਉਦਮੁ ਕਰੇ ਭਲਕੇ ਪਰਭਾਤੀ ਇਸਨਾਨੁ ਕਰੇ ਅੰਮ੍ਰਿਤ ਸਰਿ ਨਾਵੈ ॥Jul 9, 2018Jul 9, 2018